Chopra Wins Silver, Nadeem Breaks Record for Gold medal in Paris 2024 Javelin Throw Final: पेरिस, अगस्त 2024 – Paris 2024 Olympics में एक गहन और ऐतिहासिक javelin throw प्रतियोगिता देखने को मिली, जिसमें India के मौजूदा Olympic champion Neeraj Chopra ने silver medal हासिल किया, जबकि Pakistan के Arshad Nadeem ने gold medal जीतने के लिए record तोड़ दिए। यह आयोजन एथलेटिक कौशल और खेल कौशल का एक रोमांचक प्रदर्शन था, जिसमें दोनों एथलीटों ने खेल की सीमाओं को आगे बढ़ाया।
नीरज चोपड़ा की शानदार यात्रा जारी है:
Tokyo 2020 Olympics में एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा पेरिस खेलों में पसंदीदा खिलाड़ी के रूप में शामिल हुए थे।
सीज़न की शुरुआत में Olympic qualification mark को पार करके Paris 2024 के लिए अपना स्थान पहले ही सुरक्षित कर चुके Chopra पर अपने खिताब को बचाने का बहुत दबाव था।
ओलंपिक से पहले उनका प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा था, जिसमें कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पोडियम पर जगह बनाई।
जैसे-जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ी, चोपड़ा का आत्मविश्वास स्पष्ट होता गया। अपने पहले थ्रो में उन्होंने 86.5 मीटर की दूरी तय करके पदक की दौड़ में अपना नाम दर्ज कराया। स्टेडियम और दुनिया भर में चोपड़ा के समर्थकों की उत्सुकता के कारण स्टेड डी फ्रांस का माहौल उत्साहपूर्ण था।
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Chopra Wins Silver, Nadeem Breaks Record for Gold medal in Paris 2024 Javelin Throw Final:
गोल्ड के लिए मुकाबला: Chopra बनाम Nadeem:
Pakistan से Chopra के लंबे समय के प्रतिद्वंद्वी Arshad Nadeem भी शीर्ष फॉर्म में थे। दोनों एथलीटों के बीच पिछले कुछ वर्षों में अच्छी प्रतिद्वंद्विता रही है, जो अक्सर एक-दूसरे को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है।
नदीम पूरे सत्र में शानदार फॉर्म में थे, लगातार 88 मीटर से अधिक फेंक रहे थे, और उन्हें पेरिस में पदक के लिए एक मजबूत दावेदार माना जा रहा था।
javelin throw के final में दोनों एथलीटों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। चोपड़ा का दूसरा थ्रो 88.1 मीटर का था, जो उन्हें उनके सीजन के सर्वश्रेष्ठ के करीब ले गया, लेकिन उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 89.94 मीटर से मेल नहीं खाता। हालांकि, नदीम ने शो को चुरा लिया।
अपने तीसरे प्रयास में, नदीम ने 90.25 मीटर का एक विशाल थ्रो किया, जो एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड था, जिसने 2008 बीजिंग ओलंपिक में Norway के Andreas Thorkildsen द्वारा बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
चोपड़ा ने अपने पांचवें प्रयास में 89.4 मीटर का दृढ़ निश्चयी थ्रो किया, जो उनके लिए सीजन का सर्वश्रेष्ठ था, लेकिन यह नदीम के रिकॉर्ड तोड़ने वाले थ्रो को पार करने के लिए पर्याप्त नहीं था। अपने प्रयासों के बावजूद, चोपड़ा को रजत से संतोष करना पड़ा, जबकि नदीम ने स्वर्ण पदक हासिल किया, जो पाकिस्तान के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि वह एथलेटिक्स में देश के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बने।
Arshad Nadeem के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि:
अरशद नदीम की स्वर्ण पदक जीत पाकिस्तान के लिए बहुत गर्व का क्षण था। शीर्ष पर पहुंचने की उनकी यात्रा दृढ़ता और दृढ़ संकल्प की रही है, जिसमें उन्होंने अपने खेल के शिखर तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियों को पार किया।
नदीम के 90.25 मीटर के थ्रो ने न केवल उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया, बल्कि पाकिस्तान के लिए एक नया ओलंपिक और राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया, जिससे इतिहास की किताबों में उनका नाम दर्ज हो गया।
नदीम की जीत से पाकिस्तान में खेलों पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे एथलीटों की नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
चोपड़ा और नदीम के बीच प्रतिद्वंद्विता ने भारत और पाकिस्तान दोनों में खेल प्रशंसकों की कल्पना को आकर्षित किया है, जिससे दोनों देश साझा गर्व और प्रशंसा के दुर्लभ क्षण में एक साथ आए हैं।
चोपड़ा की विरासत और भविष्य की संभावनाएं:
नीरज चोपड़ा के लिए, पेरिस 2024 में रजत पदक उनके पहले से ही शानदार करियर में एक और अध्याय जोड़ता है। हालाँकि उन्होंने अपना ओलंपिक खिताब नहीं बचाया हो, लेकिन चोपड़ा की निरंतरता और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता ने उन्हें अब तक के सबसे महान भाला फेंकने वालों में से एक के रूप में स्थापित किया है।
अपने नाम दो ओलंपिक पदक के साथ, चोपड़ा इस खेल में एक प्रमुख शक्ति बने हुए हैं, और उनकी उपलब्धियों ने भारत में अनगिनत युवा एथलीटों को एथलेटिक्स में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है।
आगे देखते हुए, चोपड़ा ने उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा जारी रखने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। World Athletics Championships और Asian Games के साथ, चोपड़ा का ध्यान अपने शीर्ष स्थान को पुनः प्राप्त करने और संभवतः मायावी 90-मीटर की बाधा को तोड़ने पर होगा, जो अब तक उनसे दूर रही है।
नीरज चोपड़ा के करियर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो:
- 89.94m – Stockholm Diamond League 2022 (June 30, 2022)
- 89.34m – Paris 2024 Olympics Qualification (August 6, 2024)
- 89.30m – Paavo Nurmi Games,Turku (June 14, 2022)
- 89.08m – Lausanne Diamond League 2022 (August 26, 2022)
- 88.88m – Asian Games 2023, Hangzhou (October 4, 2023)
Rank | Athlete | Best attempt |
---|---|---|
1 | Arshad Nadeem (PAK) | 92.97m (OR) |
2 | Neeraj Chopra (IND) | 89.45m (SB) |
3 | Anderson Peters (GRN) | 88.54m |
4 | Jakub Vadlejch (CZE) | 88.50m |
5 | Julius Yego (KEN) | 87.72m (SB) |
6 | Julian Weber (GER) | 87.40m |
7 | Keshorn Walcott (TTO) | 86.16m (SB) |
8 | Lassi Etelatola (FIN) | 84.58m |
9 | Oliver Helander (FIN) | 82.68m |
10 | Toni Keranen (FIN) | 80.92m |
11 | Luiz Mauricio da Silva (BRA) | 80.67m |
12 | Adrian Mardare (MDA) | 80.10m |
प्रतिद्वंद्विता का प्रभाव:
नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम के बीच प्रतिद्वंद्विता एथलेटिक्स में सबसे सम्मोहक कथाओं में से एक रही है। उनका आपसी सम्मान और सौहार्द खेल भावना का एक शानदार उदाहरण रहा है, जो उनके संबंधित देशों के बीच राजनीतिक तनावों से परे है।
Paris 2024 Olympics में उनके प्रदर्शन ने न केवल दक्षिण एशिया में भाला फेंक की स्थिति को ऊंचा किया है, बल्कि इस खेल को वैश्विक सुर्खियों में भी लाया है।
Paris 2024 Olympics में धूल जमने के साथ ही दुनिया को वह रोमांचक भाला फेंक फाइनल याद आ जाएगा जिसमें अरशद नदीम और नीरज चोपड़ा ने एक दूसरे को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। दोनों एथलीटों ने खेल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है और उनकी प्रतिद्वंद्विता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
अंत में, जहां नदीम स्वर्ण और गौरव अपने घर ले जाता है, वहीं चोपड़ा का रजत एक परीक्षा है।
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