China plan for AI World: आने वाले समय में दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का खूब बोलबाला होगा. गूगल का जेमिनी, ओपनएआई का चैटजीपीटी और एलन मस्क का ग्रॉक एआई मॉड्यूल पहले से मैदान में है. लेकिन चीन ने इन सभी को मात देने के लिए एक गजब की रणनीति बनाई है, जिससे वह एआई की दुनिया पर कब्जा जमाने की चाहत रखता है.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) अब धीरे-धीरे पॉपुलर हो रहा है और आने वाले समय में इसका इस्तेमाल और बढ़ जाएगा. ओपनएआई का ChatGPT, गूगल का Gemini और एलन मस्क का Grok इन तीनों का ही एआई मार्केट में दबदबा है. लेकिन चीन ने इनको भी चुनौती देने की ठान ली है. चीन का प्लान है कि वह एआई की दुनिया पर राज करे. इसके लिए बाकायदा वह एक रणनीति पर चल रहा है.
चीन और अमेरिका के बीच अलग-अलग बातों को लेकर ट्रेड वॉर पहले भी चलता रहा है. अब जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होने जा रही है, तब संभव है कि ये एक बार फिर शुरू हो जाए. अमेरिका पहले से ही चीन को अपने यहां टेक्नोलॉजी फील्ड में आने से रोकने के लिए कई तरह के कदम उठाता रहा है. इसके बावजूद चीन ने कई एआई मॉड्यूल ऐसे तैयार किए हैं जो अभी से अमेरिका तक में काफी पॉपुलर हो रहे हैं.
दुनिया पर राज करने का ये है प्लान
अपने एआई मॉड्यूल को पॉपुलर बनाने के लिए चीन की कोशिश उनकी परफॉर्मेंस को बेटर बनाने पर है. इसके अलावा वह ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी पर भरोसा करके आगे बढ़ रहा है. सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन इसकी मदद से अपने एआई मॉड्यूल को लोगों के बीच पॉपुलर बना रहा है. इतना ही नहीं चीन खुद के सुपर-फास्ट सॉफ्टवेयर और चिप बनाने पर भी फोकस कर रहा है.
इतना ही नहीं, जिस तरह से गूगल का जेमिनी एआई और एलन मस्क का ग्रॉक एआई मॉड्यूल लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर काम करके बने है, जिसे शॉर्ट में LLMs भी कहते हैं. चीन भी इसी टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एआई डेवलप कर रहा है. इसका फायदा ये है कि ये बड़े डेटा को भी आसानी से संभाल सकता है.
ऐसे पैर पसार रहा चीन
दुनिया के सबसे पॉपुलर एआई प्लेटफॉर्म OpenAI के मॉडल मुख्य तौर पर ChatGPT को सपोर्ट करते हैं. वहीं चीन की कंपनिंया ओपन सोर्स, ओपन वेट और ओपन एलएलएम डेवलप कर रही हैं. ताकि दुनियाभर के डेवलपर्स उसे डाउनलोड कर सकें. उस पर काम कर सकें और उस पर बेस्ड अपने एआई चैटबॉट इत्यादि बना सकें, वो भी मुफ्त में. इसके लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत भी नहीं है.
LLMs के रिपोजिटरी प्लेटफॉर्म Hugging Face के मुताबिक चीन द्वारा तैयार किए गए एलएलएम सबसे ज्यादा डाउनलोड हो रहे हैं. अलीबाबा ग्रुप ने Qwen नाम से एक एआई मॉडल्स की फैमिली तैयार की है. हगिंग फेस पर ये सबसे ज्यादा पॉपुलर है.
Train Technology: कैसे चलती है ट्रेन, कौनसी टेक्नोलॉजी का होता है इस्तेमाल?
अगर आपने ट्रेन में सफर किया है तो उसकी तेज रफ्तार से भी वाकिफ होंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि इतनी बड़ी ट्रेन को इतनी स्पीड से चलने के लिए इलेक्ट्रिसिटी कहां से मिलती है. आखिर कैसे हर डिब्बे में फैन, एसी चार्जिंग प्लग और लाइट चलती हैं.
भारतीय रेलवे से हर दिन लाखों पैसेंजर्स ट्रेन से सफर करते हैं. आपने भी कभी ना कभी ट्रेन से सफर किया ही होगा. पहले की तुलना में अब ट्रेन में काफी बदलाव आ गए हैं. आजादी के बाद से ही भारत ने रेलवे सिस्टम में कई बदलाव किए. इसमें से एक इलेक्ट्रिक इंजन है. आजकल ज्यादातर ट्रेन इलेक्ट्रिसिटी से ही चल रही है. ट्रेन की रफ्तार पहले से काफी बढ़ गई है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि ट्रेन को सप्लाई होने वाली इलेक्ट्रिसिटी कभी जाती क्यों नहीं? जब ट्रेन लंबे रूट पर होती है तो इंजन को पावर कहां से मिलती है.
ऐसे मिलती है ट्रेन को इलेक्ट्रिसिटी
रेलवे के मुताबिक, जो ट्रेन इलेक्ट्रिसिटी से चलती हैं उन्हें 25 हजार वोल्टेज (25KV) की जरूरत होती है. ये करंट इंजन के ऊपर लगी एक मशीन पेंटोग्राफ के जरिए इंजन तक पहुंचता है. पेंटोग्राफ ट्रेन के ऊपर लगी तार से रगड़कर चलता है. बिजली इन तारों के जरिए ट्रेन में आती है.
इलेक्ट्रिक ट्रेन में दो तरह के पेंटोग्राफ का यूज किया जाता है. डबल डेकर पसेंजर के लिए WBL का यूज किया जाता है. नार्मल ट्रेन में हाई स्पीड पेंटोग्राफ यूज किए जाते हैं.
पेंटोग्राफ के जरिए ऊपर लगे तार से करंट मिलता रहता है. इसमें 25KV (25,000 वोल्ट) का करंट इलेक्ट्रिक इंजन के मेन ट्रांसफार्मर में आता है, इससे इंजन चलता है.
इलेक्ट्रिक ट्रेन में ये सिस्टम होता है यूज
जब ट्रेन रेलवे ट्रैक से गुजरती है, उस पर वजन जेनरेट होता है और मेटल ट्रैक से जुड़ा स्प्रिंग कम्प्रेस्ड हो जाता है. इससे रैक, पिनियन मैकेनिज्म और चेन ड्राइव में एक स्पीड शुरू हो जाती है. ये स्पीड जब फ्लाईव्हील, रेक्टिफायर और डीसी मोटर से गुजरती है तो इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट होती है.
इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई
रेलवे को इलेक्ट्रिसिटी डायरेक्ट पॉवर ग्रिड से मिलती है. ग्रिड को पॉवर प्लांट से सप्लाई होती है. वहीं से सब स्टेशंस पर भेजी जाती है. सब स्टेशन से डायरेक्ट 132 KV की सप्लाई रेलवे को जाती है. यहां से 25KV OHE को दी जाती है. रेलवे स्टेशंस के साइड में इलेक्ट्रिसिटी के सब स्टेशन दिख जाते हैं. डायरेक्ट इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई की वजह से यहां ट्रिपिंग नहीं होती है.
कंप्यूटर की तरह क्या नेहरू प्लेस में बनवा सकते हैं खुद का लैपटॉप? ये रहा सही जवाब
दिल्ली की नेहरू प्लेस मार्केट वैसे तो अपने सस्ते इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए फेमस है. लेकिन, क्या आपको पता है कि यहां पर आप लैपटॉप असेंबल करा सकते हैं. लैपटॉप को अपनी पसंद से जरूरत के हिसाब से बनवा भी सकते हैं.
अगर आप सस्ते और किफायती दाम में लैपटॉप खरीदना चाहते हैं या फिर अपना खुद का लैपटॉप बनवाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है. देश की राजधानी दिल्ली में एक जगह है जिसका नाम है नेहरू प्लेस. वैसे तो यहां पर कंप्यूटर बनते हैं और कम दामों में इलेक्ट्रॉनिक के सामान मिलते हैं. लेकिन कम ही लोगों को पता है कि यहां आप अपना खुद का लैपटॉप बनवा सकते हैं.
नेहरू प्लेस की इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में सस्ते दामों में लैपटॉप और कंप्यूटर तो मिलते ही हैं. इसके साथ ही इनकी रिपेयरिंग भी यहां पर बड़े पैमाने पर होती है. यहां पर खुद का कंप्यूटर और लैपटॉप बनवा सकते हैं और उसके लिए आपको ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ेंगे.
कैसे होते हैं लैपटॉप असेंबल
नेहरू प्लेस मार्केट में लैपटॉप की सैकड़ों दुकानें हैं. यहां पर आप खुद का लैपटॉप बनवा सकते हैं. अक्सर लैपटॉप खरीदने के मुकाबले, अपना लैपटॉप बनाना सस्ता होता है. अगर आपके पास पहले से ही मेमोरी या स्टोरेज है, तो यह और भी सस्ता हो सकता है. यहां पर आपको जिस तरीके के लैपटॉप की जरूरत है. उस तरीके का लैपटॉप बनवा सकते हैं. जैसे कि आप यहां पर जिस विंडो या जेनरेशन का लैपटॉप चाहते हैं और उसमें कौन-कौन सा फीचर चाहते हैं. यह अगर दुकानदार को बताएंगे तो वह आपको वैसा लैपटॉप बना कर दे देगा. इसके अलावा आप अपने लैपटॉप में रैम और रोम भी जरूरत के हिसाब से डलवा सकते हैं. कुल मिलाकर बात यह है कि आप नेहरू प्लेस की इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में जाकर कम पैसों में अपना कस्टमाइज लैपटॉप बनवा सकते हैं.
सस्ते में मिलते हैं इलेक्ट्रॉनिक सामान
दिल्ली की इस मार्केट में आप कंप्यूटर और लैपटॉप तो असेंबल करा ही सकते हैं. इसके अलावा मार्केट में आप सस्ते दामों में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीद सकते हैं. यहां पर आपको लगभग सभी ब्रांड के गैजेट्स और डिवाइस मिल जाएंगे. मार्केट में लैपटॉप तो आपको 5000 रुपये में भी मिल जाएंगे. हालांकि, मार्केट में ज्यादातर सामान सेकंड हैंड रहते हैं. इसलिए थोड़ा देख समझ कर ही खरीदें.
YouTube से कमाई तो दूर इस महिला ने डूबा दिए 8 लाख रुपये, आप ना करें ये गलती!
यूट्यूब पर इस महिला ने अपने 8 लाख रुपये गवा दिए. ऑनलाइन स्कैम का शिकार नहीं ये है पूरा मामला. यूट्यूब पर लाखों की इंवेस्टमें के बाद भी जीरो कमाई क्यो हुई? आखिर क्यों यूट्यूबर को चैनल बंद करना पड़ा. क्यों यूट्यूब से 250 वीडियो को डिलीट कर रही यहां इसका पूरा मामला समझें और आप ये गलती करने से बचें.
YouTube भले ही आज इनकम का जरिया हो गया है. लेकिन इस पर कई लोग अपने लाखों की सेविंग लगाकर डूबा भी देते हैं. एक महिला इसका जीता जागता उदाहरण है. इस यूट्यूब यूजर ने अपने 8 लाख रुपये डूबा दिए. अब आप सोच रहे होंगे की उसके साथ किसी ने ऑनलाइन स्कैम किया होगा. बिना किसी स्कैम के 8 लाख रुपये बर्बाद कर बैठी ये महिला. ये पूरा मामला क्या है और आप इससे कैसे बच सकते हैं इसको ऐसे समझें.
Nalini Unagar ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट डाला जिसमें उन्होंने बताया कि वो यूट्यूब को छोड़ रही हैं. यूट्यूब पर उन्होंने 3 साल में पूरे 8 लाख रुपये इंवेस्ट किए थे. लेकिन उनकी कमाई एक रुपये भी नहीं हुई.
8 लाख की इंवेस्टमेंट कमाई ‘जीरो’
यूट्यूबर पर नलिनी उनागर का एक कुकिंग चैनल नलिनीज किचन रेसिपी था. जिसे उन्होंने 2 साल पहले 2022 में बनाया था. तब से अब तक में उनके 2450 सब्सक्राइबर्स ही हुए थे. 3 साल में वो अपने चैनल पर 250 वीडियो अपलोड कर चुकी थी. उन वीडियो को बनाने में और यूट्यूब पर अपलोड करने में उन्होंने 8 लाख रुपये लगा दिए. लेकिन अब नलिनी अपने सभी वीडियो डिलीट कर रही है और वीडियो बनाने के लिए जो इक्विपमेंट खरीदे थे उन्हें बेच रही है.
नलिनी का स्वरा भास्कर से कनेक्शन
फूड ब्लॉगर अपना चैनल बंद करने पर ही चर्चा में नहीं आई हैं. बीते महीनों एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और नलिनी के बीच डिजिटल वॉर भी छिड़ी थी. इसमें इन दोनों ने अपने पोस्ट के जरिए एक दूसरे को काफी क्रिटिसाइज किया था. आज नलिनी को अपना यूट्यूब चैनल ही बंद करना पड़ रहा है. क्योंकि जिस कमाई के लिए चैनल शुरू किया थी उसमें केवल नुकसान ही हुआ है.
ऐसा क्या हुआ नलिनी के साथ?
सबसे पहले आप एक बात समझें कि यूट्यूब से बिना किसी कमाई के पहले ही पैसा लगाने की जरूरत नहीं होती है. यूट्यूब का एल्गोरिदम थोड़ा अलग है. उस पर समय के साथ कई बदलाव भी होते रहते हैं.
यूट्यूब पर कमाई के लिए, आपके चैनल पर कम से कम 500 सब्सक्राइबर होने चाहिए. लेकिन इसमें भी यूट्यूब की कुछ टर्म्स एंड कंडीशन होती हैं. बीते 12 महीनों में 4,000 घंटे का वॉचटाइम होना चाहिए. 3 महीने में चैनल पर अपलोड की गई शॉर्ट्स पर 10 मिलियन व्यूज पूरे होने चाहिए.
अब सब्सक्राइबर या वीडियो अपलोड करने से कुछ नहीं होता है. कितने महीनों में सब्सक्राइबर बढ़ें हैं और उनपर यूट्यूब के हिसाब से कितने समय में व्यूज आए हैं इस बात से फर्क पड़ता है.
कई यूजर्स करते हैं ये गलतियां
अक्सर वीडियो में अच्छा दिखने के लिए और बैकग्राउंड बढ़िया दिखाने के लिए हजारों-लाखों का सामना खरीद लेते हैं. सोचते हैं कि वीडियो वायरल हो जाएगी तो पैसे कमा लेंगे. लेकिन ऐसा नहीं होता है. आपकी वीडियो में हर वो चीज होनी चाहिए जो यूट्यूब के एल्गोरिदम के साथ जाती हो और आपको फॉलोअर्स को पसंद भी आती हो.
यूट्यूब पर हर दिन वीडियो डालने से कुछ नहीं होता है, रेगुलरली ऐसा कंटेंट डालें तो ट्रेंडिग हो. जिससे लोग रिलेट करते हों. जो इन्फोर्मेटिव हो.
किस टाइम पर वीडियो अपलोड कर रहे हैं?
किसी भी फोटो-वीडियो शेयरिंग ऐप पर आप किस टाइम वीडियो शेयर कर रहे हैं इस बात से आपकी वीडियो के व्यूज पर असर पड़ता है. यूट्यूब के इंसाइट को चेक करें और अपने एक्टिव यूजर्स के टाइम को पहचानें. जिस टाइम पर आपके फॉलोअर्स एक्टिव रहते हैं उसी टाइम कंटेंट अपलोड करें.
Poco ने लॉन्च किया देश का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन, मुफ्त मिलेगी Reliance Jio की सर्विस
Poco ने लॉन्च किया देश का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन. इस फोन में आपको Reliance Jio की कई सर्विसेज मुफ्त में मिलेगी. ये फोन मार्केट में बजट सेगमेंट में आने वाले फोन से बेहतरीन हो सकता है. जियो ने पोको के साथ पार्टनरशिप से यूजर्स को कई बेनिफिट्स मिलेंगे.
पोको ने जियो के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत C75 स्मार्टफोन यूजर्स को 349 रुपये की कीमत वाले जियो 5G प्लान पर तीन महीने के लिए 10 OTT एप्लीकेशन का फ्री एक्सेस मिलेगा. रिलायंस जियो के अध्यक्ष सुनील दत्त ने कहा कि जियो एक ऐसे स्मार्टफोन को सपोर्ट कर रहा है जो डिजिटल डिवाइड में इनोवेशन और बजट फैंडली ऑप्शन है.
Poco का सबसे सस्ता 5G फोन
Poco C75 5G में 6.88 इंच की डिस्प्ले दी गई है. ये 1640×720 पिक्सल रेजोल्यूशन के साथ आती है. इसमें 4GB तक रैम और 128GB तक का इंटरनल स्टोरेज ऑप्शन है. बैटरी के मामले में ये फोन मार्केट में मौजूद इस सेगमेंट में आने वाले बाकी फोन से बेहतर है.
इसमें में 5160mAh की बैटरी मिल रही है. ये 18W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है. इसमें आपको प्राइमरी कैमरा 50 मेगापिक्सल का मिल रहा है.
इसमें एआई सपोर्ट भी दिया गया है जिसके जरिए आप फोटो-वीडियो को एडिट कर सकेंगे. 1.8 मेगापिक्सल का QVGA सेकेंडरी कैमरा और सेल्फी के लिए फ्रंट में 5 मेगापिक्सल का कैमरा मिल रहा है.
कीमत और EMI ऑप्शन
इसकी कीमत की बात करें तो ये फोन 7,999 रुपये में आ जाएगा. इसकी कीमत के वजह से ये फोन लगभग सभी के बजट में आ सकता है. इसे आप कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट से खरीद सकते हैं. अगर आप एक साथ इतनी कीमत नहीं चुका सकते हैं तो प्लेटफॉर्म आपको ईएमआई का ऑप्शन भी दे रहा है. इसमें आपको मंथली करीब 282 रुपये (शुरुआती कीमत) ही चुकाने होंगे. आप अपनी सहूलियत के हिसाब से कोई भी प्लान सलेक्ट कर सकते हैं.
Airtel ने किया कमाल, अब कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपुरा में चलेगा मस्त इंटरनेट
Airtel Services: एयरटेल अब अपनी सर्विसेज जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपुरा जिलों में भी शुरू कर दी है. ये पहली ऐसी टेलीकॉम कंपनी बन गई है जो भारत की इन वादियों में भी आपको ईजी कनेक्टिविटी ऑफर कर रही है. यहां इसके बारे में पूरी डिटेल्स पढ़ें.
एयरटेल ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपुरा जिलों में अपनी मोबाइल सर्विसेज शुरू कर दी है. अपने इस कदम से एयरटेल इन इलाकों में नेटवर्क सर्विस प्रोवाइड कराने वाली पहली प्राइवेट टेलीकॉम कपंनी बन गई है. कंपनी कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपुरा जिलों में 15 मोबाइल टावर लगाएं है.
इन लोगों को मिलेगा फायदा
इससे इन इलाकों के लोकल मोबाइल यूजर्स को भी फायदा मिलेगा. इसके अलावा बॉर्डर पर तैनात भारतीय सैनिकों को भी कनेक्टिविटी मिलेगी. सैनिक भी एयरटेल नेटवर्क के जरिए आसानी से कम्यूनिकेट कर सकेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, भारती एयरटेल ने उत्तरी कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास कुपवाड़ा, बारामूला और बांदीपुरा जिलों के गांवों में कम्यूनिकेशन कनेक्शन बनाए रखने के लिए भारतीय सेना के साथ कोलेबरेट किया है.
एयरटेल ने सैन्य ठिकानों के दूरदराज के एरिया में नेटवर्क सर्विसेज में सुधार और कॉन्टेक्टिविटी बढ़ाने के लिए अपनी सर्विसेज शुरू की हैं.
इन जिलों में भी एयरटेल की कनेक्टिविटी
हाल में, कंपनी ने गलवान नदी और दौलत बेग ओल्डी (BDO) में भी कनेक्टिविटी शुरू की है, जिसे भारत की सबसे उत्तरी सैन्य चौकी माना जाता है.
एयरटेल अपने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के जरिए कच्छल, बलबीर, राजदान पास, ताया टॉप, उस्ताद, काठी और चीमा जैसे गांव अब देश के बाकी हिस्सों से जुड़ गए हैं. ये गांव केरन, माछल, तंगधार, गुरेज और उरी घाटी में हैं, जो कुपवाड़ा, बारामुल्ला और बांदीपुर के तीन जिलों में फैले हुए हैं.
दूरदराज क्षेत्रों में टेलीकॉम सर्विसेज
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई बार कहा है कि जून 2025 तक देश के सभी दूरदराज क्षेत्रों में टेलीकॉम सर्विसेज पहुंच जाएंगी.
क्या है एयरेटल का वाइब्रेंड विलेज प्रोग्राम?
एयरटेल का वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम क्या है? एयरटेल अपने इस प्रोग्राम में बॉर्डर विलेज को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का एक प्रोग्राम है. इस प्रोग्राम के तहत, एयरटेल ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, और बांदीपुरा जिलों के सलेक्टेड गांवों को जोड़ा है.
Jio दे रहा फ्री 100 GB AI Cloud स्टोरेज, ऐसे उठाएं ऑफर का फायदा
Jio AI Cloud Welcome Offer: रिलायंस का JioCloud आपको 100 GB फ्री क्लाउड स्टोरेज ऑफर कर रहा है. अगर आप भी इस ऑफर का फायदा उठाना चाहते हैं, तो कुछ स्टेप्स को फॉलो करने होंगे. 100 GB फ्री एआई क्लाउड स्टोरेज का ऐलान रिलायंस AGM 2024 के दौरान किया गया था.
Redeem Jio Cloud 100 GB Storage for Free: रिलायंस जियो ने ग्राहकों के लिए एक शानदार ऑफर निकाला है. कंपनी ‘जियो एआई क्लाउड वेलकम ऑफर’ के तहत यूजर्स को मुफ्त में 100 GB क्लाउ स्टोरेज दे रही है. अगर आपको मीडिया फाइल्स, फोटो, वीडियो या डॉक्यूमेंट्स ऑनलाइन क्लाउड स्टोरेज में सेव करने हैं, तो इस ऑफर का फायदा उठाया जा सकता है. 100 GB क्लाउड स्टोरेज ऑनलाइन डेटा सेव करने के लिए आपको काफी बड़ा स्पेस देती है. आइए जानते हैं कि 100 GB AI क्लाउड स्टोरेज कैसे मिलेगी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस साल हुई 47वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM)में जियो एआई क्लाउड वेलकम ऑफर का ऐलान किया था. अब जियो प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों कस्टमर्स इस ऑफर का फायदा उठा सकते हैं. JioCloud ऐप के जरिए आप क्लाउड स्टोरेज ऑप्शन बढ़ा सकते हैं.
Jio का AI क्लाउड वेलकम ऑफर
जियो का वेलकम ऑफर एंड्रॉयड, iOS और वेब तीनों प्लेटफॉर्म पर मिलेगा. इससे पहले जियोक्लाउड सिर्फ 5 GB फ्री स्टोरेज देता था. मगर इस अपडेट के बाद जियो यूजर्स को बिना कोई एक्स्ट्रा चार्ज दिए 100 GB क्लाउड स्टोरेज मिलेगी. हालांकि, यह ऑफर सीमित समय के लिए है, क्योंकि कंपनी 100 GB स्टोरेज बरकरार रखने के लिए आगे कभी भी चार्ज वसूलना शुरू कर सकती है.
Jio ने दी Google-Apple को टक्कर
100 GB फ्री क्लाउड स्टोरेज का दांव चलकर जियो ने क्लाउड स्टोरेज मार्केट की अन्य कंपनियों को बड़ी टक्कर देने की कोशिश की है. गूगल ड्राइव सिर्फ 15 GB फ्री क्लाउड स्टोरेज देता है, जबकि एपल आईक्लाउड में मात्र 5 GB क्लाउड स्टोरेज मिलती है. माइक्रोसॉफ्ट वनड्राइव के तहत भी 5 GB क्लाउड स्टोरेज दी जाती है.
गूगल और एपल की क्लाउड स्टोरेज सर्विस की कीमत
- Google Drive: 100 GB क्लाउड स्टोरेज के लिए 130 रुपये/महीना या 1300 रुपये/साल.
- Apple iCloud: 200 GB क्लाउड स्टोरेज के लिए 219 रुपये/महीना.
ऐसे मिलेगी फ्री 100 GB क्लाउड स्टोरेज
जियो वेलकम ऑफर के 100 GB क्लाउड स्टोरेज क्लेम करने के लिए आपके फोन में MyJio ऐप का लेटेस्ट वर्जन इंस्टॉल्ड होना चाहिए. ऐप खोलने पर एक पॉप-अप नोटिफिकेशन आएगा, जिसमें ऑफर दिया गया होगा.
अगर यह पॉप-अप नहीं दिखता है, तो आपको ऐप के ही अंदर ‘100 GB cloud storage’ का बैनर दिख जाएगा. इस पर क्लिक करते ही आप सीथे JioCloud पर 100 GB स्टोरेज पर पहुंच जाएंगे. क्लाउड सर्विस का पूरा फायदा उठाने के लिए JioCloud ऐप डाउनलोड करें.