NPS NAV: नए नियम के अनुसार निवेशकों के लिए यह सिस्टम पहले से बेहतर हो गया है. सुबह 11 बजे तक जमा किया गया डी-रेमिट पैसा भी उसी दिन निवेश कर दिया जाएगा और वह भी उस दिन के लागू नेट एसेट वैल्यू (NAV) के हिसाब से.
NPS Rules: अगर आप भी एनपीएस (NPS) में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) एनपीएस (NPS) वालों के लिए T+0 सेटलमेंट सिस्टम लागू करने जा रहा है. इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि अब किसी भी निपटान के दिन सुबह 11 बजे (T) तक ट्रस्टी बैंक को मिलने वाला NPS योगदान उसी दिन निवेश कर दिया जाएगा. इससे NPS निवेशकों को उसी दिन के नेट एसेट वैल्यू (NAV) का फायदा मिलेगा.
बयान के अनुसार, अब तक ट्रस्टी बैंक द्वारा प्राप्त निवेश का निपटान अगले दिन (टी+1) निवेश किया जाता है. इसका मतलब यह हुआ कि एक दिन पहले तक प्राप्त योगदान का अगले दिन निवेश किया जाता है. पीएफआरडीए (PFRDA) ने कहा कि किसी भी निपटान दिवस पर सुबह 9:30 बजे तक प्राप्त योगदान को पहले से ही उसी दिन निवेश के लिए माना जाता था. अब, सुबह 11 बजे तक प्राप्त योगदान राशि भी लागू एनएवी (NAV) के साथ उसी दिन निवेश किया जाएगा.
कस्टमर को पहले से ज्यादा फायदा मिल सकेगा
बयान के अनुसार, पीएफआरडीए (PFRDA) ने ई-एनपीएस के लिए ‘पॉइंट ऑफ प्रजेंस’ (POP), नोडल ऑफिस और एनपीएस ट्रस्ट को सलाह दी है कि वे अपने एनपीएस परिचालन को संशोधित समयसीमा के अनुरूप करें. इससे सही तरीके से ग्राहकों को फायदा मिल सकेगा. पहले, जमा किए गए पैसों को निवेश में लगने में एक दिन का अंतर आता था. क्योंकि उन्हें अगले कारोबारी दिन (T+1) निवेश किया जाता था.
NPS में निवेश पहले से आसान और तेज हो जाएगा
अब नए नियम के अनुसार निवेशकों के लिए यह सिस्टम पहले से बेहतर हो गया है. अब सुबह 11 बजे तक जमा किया गया डी-रेमिट पैसा भी उसी दिन निवेश कर दिया जाएगा और वह भी उस दिन के लागू नेट एसेट वैल्यू (NAV) के हिसाब से. पेंशन फंड रेग्युलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने एनपीएस (NPS) में जल्द फायदे मिलने के लिए कुछ बदलाव किए हैं. इन बदलावव के बाद NPS में निवेश का काम आसान और तेज हो जाएगा.
आपको बता दें पेंशन रेगुलेटर ने साल 2023-24 में गैर-सरकारी क्षेत्रों से 9.47 लाख नए सब्सक्राइबर NPS में शामिल किए, जिससे NPS की निवेश की राशि में 30.5% की वृद्धि हुई. यह सालाना आधार पर 11.73 लाख करोड़ रुपये हो गई. 31 मई 2024 तक NPS सब्सक्राइबर्स का कुल बेस 18 करोड़ है. 20 जून 2024 तक अटल पेंशन योजना (APY) के तहत कुल नामांकन 6.62 करोड़ पार कर गया, जिसमें से 1.2 करोड़ से ज्यादा नामांकन 2023-24 में किए गए.
PSU Stocks Return: पीएसयू शेयर का छप्परफाड़ रिटर्न, दो साल में इन स्टॉक ने 1 लाख के बना दिये 10 लाख
सरकारी कोशिशों के कारण PSU स्टॉक (सरकारी कंपनियां) वापसी कर रही हैं. इन कोशिशों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, ज्यादा सरकारी खर्च और अच्छा प्रशासन शामिल है. इसका फायदा कई PSU कंपनियों को हुआ है, जिनके शेयरों की कीमत 500% से 950% तक बढ़ गई है.
Multibagger PSU Stocks: निवेश आप कहीं पर भी करें लेकिन आपकी हमेशा चाहत यही रहती है कि रिटर्न अच्छा मिले. ऐसा ही दमदार रिर्टन दिया है कुछ सरकारी कंपनियों के शेयरों ने. इन्हें पीएसयू शेयर (PSU) कहते हैं. BSE PSU इंडेक्स काफी तेजी से ऊपर गया है. सिर्फ एक साल में ही यह इंडेक्स करीब 100% बढ़ गया है. इसकी वजह कुछ PSU कंपनियों के शेयरों की कीमत में तेजी से आया इजाफा है. एक रिपोर्ट के अनुसार तीन PSU कंपनियों के शेयर ने दो साल में जबरदस्त मुनाफा दिया है. अगर आपने इन कंपनियों में एक लाख रुपये का निवेश किया होता तो आज यह बढ़कर 10 लाख रुपये के करीब हो गया होता.
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर में सबसे ज्यादा तेजी
इन कंपनियों में सबसे ज्यादा तेजी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर में आई है. इस शेयरों की कीमत जून 2024 तक 234.85 से बढ़कर 3,968.25 रुपये तक पहुंच गई है. इस हिसाब से इसमें 1,590% की बढ़ोतरी है. कोचीन शिपयार्ड और रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने भी 1,000% से ज्यादा का रिटर्न दिया. आसान शब्दों में यही कह सकते हैं कि यदि आपने दो साल पहले इन कंपनियों के शेयर में एक लाख रुपये लगाए होते तो आज आपके पास 10 लाख रुपये हो जाते.
कई PSU कंपनियों को हुआ फायदा
सरकारी कोशिशों के कारण PSU स्टॉक (सरकारी कंपनियां) वापसी कर रही हैं. इन कोशिशों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, ज्यादा सरकारी खर्च और अच्छा प्रशासन शामिल है. इसका फायदा कई PSU कंपनियों को हुआ है, जिनके शेयरों की कीमत 500% से 950% तक बढ़ गई है. उदाहरण के लिए, फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स ट्रावनकोर, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन, हाउसिंग & अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियों के शेयरों में भी काफी तेजी आई है. कुल मिलाकर, पिछले कुछ समय में BSE सेंसेक्स 50% बढ़ा है, वहीं PSU कंपनियों का बाजार हिस्सा वित्तीय वर्ष 2022 में 10.5% से अब 17.5% तक पहुंच गया है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का मानना है कि आने वाले समय में सरकारी कंपनियों (PSU) का मुनाफा बढ़ने वाला है. उनका दावा है कि जैसे मजबूत ऑर्डर बुक और कच्चे माल की ऊंची कीमतें. साथ ही, सरकार भारत में चीजें बनाने और डिफेंस सेक्टर में स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है, जिसका फायदा इंडस्ट्रियल PSU कंपनियों को मिलेगा और उनकी कमाई और बाजार मूल्य में और इजाफा होगा.
Ola IPO: शेयर बाजार में फिर से पैसे कमाने का मौका! ये दो कंपनियां कर रहीं आईपीओ लाने की तैयारी
Share Market Tips: बेंगलुरु स्थित ओला इलेक्ट्रिक ने अगस्त, 2021 में अपना पहला ईवी दोपहिया मॉडल पेश किया था. यह इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने के अलावा इनके लिए बैटरी पैक एवं मोटर भी बनाती है.
Upcoming IPO: अगर आप भी आईपीओ के जरिये शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता ओला इलेक्ट्रिक और दवा कंपनी एमक्योर फार्मास्युटिकल्स को वित्त जुटाने के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी से इनीशियल प्राइस ऑफरिंग (IPO) लाने की मंजूरी मिल गई है. सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार दोनों ही कंपनियों के आईपीओ संबंधी दस्तावेजों के मसौदे को 10 जून को स्वीकृति मिल गई है.
5500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने का प्लान
इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि अब दोनों ही कंपनियां अपने-अपने आईपीओ लाने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं. ओला इलेक्ट्रिक के प्रस्तावित आईपीओ में 5,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने के अलावा प्रवर्तकों एवं निवेशकों के पास मौजूद 9.52 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश की जाएगी. बेंगलुरु स्थित ओला इलेक्ट्रिक ने अगस्त, 2021 में अपना पहला ईवी दोपहिया मॉडल पेश किया था. यह इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने के अलावा इनके लिए बैटरी पैक एवं मोटर भी बनाती है.
दवा सेक्टर की कंपनी एमक्योर फार्मास्युटिकल्स के आईपीओ में 800 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने के साथ प्रवर्तकों के पास मौजूद 1.36 करोड़ इक्विटी शेयर की भी बिक्री पेशकश की जाएगी. आईपीओ से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल लोन के भुगतान और सामान्य कंपनी कामकाज के लिए किया जाएगा.
Share Market Update: स्टॉक मार्केट में तूफानी तेजी के पीछे ‘मोदी मैजिक’, रैलियों में जिन शेयर का जिक्र किया वो बने रॉकेट
PSU Shares Performance: चुनावी नतीजों से पहले शेयर बाजार ने ऑल टाइम हाई पर पहुंचकर इतिहास रच दिया है. सेंसेक्स, निफ्टी और बैंक निफ्टी अब तक के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. बीएसई सेंसेक्स ने 76,583 अंक पर और निफ्टी ने 23,338 प्वाइंट और बैंक निफ्टी ने 50 हजार के पार जाकर निवेशकों की आंखों में चमक ला दी. इस सबके बीच खास बात यह है कि जिन सरकारी कंपनियों के स्टॉक में तेजी देखी जा रही है, उनका जिक्र अक्सर पीएम मोदी करते रहे हैं. चुनावी रैलियों के दौरान भी प्रधानमंत्री ने इन पर बात की थी. आइए जानते हैं उन ऐसे ही कंपनियों की स्टॉक और उनमें आई तेजी के बारे में-
सरकारी कंपनी आरईसी लिमिटेड (REC Limited) का शेयर सोमवार सुबह 585 रुपये पर खुला. दोपहर के समय इस कंपनी के शेयर को 12 प्रतिशत से भी ज्यादा की तेजी के साथ 604 रुपये पर देखा गया. आज के कारोबार में शेयर 52 हफ्ते के हाई लेवल 605 रुपये पर पहुंच गया. शेयर में आज 66 रुपये से भी ज्यादा की तेजी आई है. इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 1.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL Share) के शेयर ने भी 52 हफ्ते का रिकॉर्ड बना दिया है. यह शेयर शुक्रवार को 537 रुपये पर बंद हुआ और 570 रुपये पर खुला. कारोबारी सत्र के दौरान शेयर 594.70 रुपये के रिकॉर्ड लेवल को टच कर गया. शेयर में आज 7 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई है.
पिछले दिनों एनबीसीसी के शेयार में गिरावट आई थी. लेकिन आज यह 8 प्रतिशत से भी ज्यादा चढ़ गया. कारोबारी सत्र की शुरुआत में कंपनी 153 रुपये के लेवल पर खुला और बाद में यह 155.90 रुपये तक गया. हालांकि शेयर का 52 हफ्ते का रिकॉर्ड लेवल 176.50 रुपये और लो लेवल 38.10 रुपये है. इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 27,090 करोड़ रुपये हो गया है.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI Share Price) ने भी आज जबरदस्त तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत की. शेयन ने 37 रुपये की तेजी के साथ 867.95 रुपये पर ट्रे्डिंग शुरू की. कुछ ही देर बार यह 52 हफ्ते के हाई लेवल 912 रुपये पर पहुंच गया. शेयर का 52 हफ्ते का लो लेवल 543 रुपये है. बैंक का मार्केट कैप भी 8.13 लाख करोड़ पर पहुंच गया है.
एक और सरकारी कंपनी बीईएमएल लिमिटेड का शेयर आज की तेजी में 360 रुपये तक चढ़ गया. यह शेयर शुक्रवार को 4391 रुपये पर बंद हुआ और सोमवार को 4704 रुपये पर खुला. शेयर ने 4758 रुपये का हाई लेवल टच किया. यह कंपनी के स्टॉक के 52 हफ्ते के हाई लेवल 4,770 रुपये से कुछ ही दूर है. इसके साथ मार्केट कैप बढ़कर 19,774 करोड़ रुपये हो गया.
(डिस्क्लेमर: जी न्यूज किसी भी प्रकार के निवेश की सलाह नहीं देता. किसी भी तरह का इनवेस्टमेंट से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.)
1 साल में 60% रिटर्न, अब 8 साल पुराना लोन समय से पहले चुकाया, इस दिग्गज कंपनी के शेयर पर होगी नजर
Airtel Share Price: पिछले एक साल में कंपनी के शेयर वैल्यू में 60 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल आई है. ऐसे में समय पूर्व कर्ज चुकाने से कंपनी के शेयर पर एक बार फिर नजर होगी.
Bharti Airtel: देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने 2016 में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के सभी बकायों का भुगतान समय से पहले कर दिया है. कंपनी की ओर से गुरुवार को कहा है गया है कि उसने 3,626 करोड़ रुपये का शीघ्र भुगतान किया है.
भारती एयरटेल का शेयर पिछले कुछ सप्ताह से बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है. पिछले एक साल में कंपनी के शेयर वैल्यू में 60 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल आई है. ऐसे में समय पूर्व कर्ज चुकाने से कंपनी के शेयर पर एक बार फिर नजर होगी.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से अगले साल ब्याज दरों में कम कटौती के संकेत के बाद बृहस्पतिवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों में जबर्दसत बिकवाली देखी गई. इसके चलते घरेलू शेयर बाजार का मानक सूचकांक सेंसेक्स करीब 965 अंक टूटकर 80,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया. विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने के बीच टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में आई भारी गिरावट ने भी निवेशकों की धारणा पर प्रतिकूल असर डाला.
भारत में बंद होने जा रही है Starbucks की दुकान? कंपनी के देश छोड़ने की खबरों पर टाटा ने दिया जवाब
TATA: टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने उस रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि बढ़ते घाटे और हाई ऑपरेशनल कॉस्ट के कारण अमेरिकी कॉफी चेन स्टारबक्स जल्द ही भारत से बाहर निकल सकती है.
Starbucks: ग्लोबल कॉफी चेन कंपनी स्टारबक्स के बंद होने की खबरों को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने आधारहीन बताया है. कंपनी ने उस रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि बढ़ते घाटे और हाई ऑपरेशनल कॉस्ट के कारण अमेरिकी कॉफी चेन स्टारबक्स जल्द ही भारत से बाहर निकल सकती है. तीन प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों को लिखे पत्रों में, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने रिपोर्ट को “आधारहीन” बताया है.
19 दिसंबर को एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि स्टारबक्स जल्द ही भारत छोड़ सकता है. ‘ज्यादा लागत, खराब स्वाद और बढ़ते घाटे के कारण स्टारबक्स भारत से बाहर निकल जाएगा’ हेडिंग के साथ पब्लिश रिपोर्ट में कहा गया था कि स्टारबक्स कॉफी की कीमत ज्यादा होने और लोकल में सस्ते ऑप्शन होने के कारण लोग स्टारबक्स जाना कम कर दिए हैं. इस कारण बेहद लोकप्रिय ग्लोबल कॉफी चेन स्टारबक्स भारत में अपनी दुकान बंद कर सकती है.
नए स्टोर खोलने में देरी
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया था कि टाटा या स्टारबक्स के अधिकारी ने इस खबर को लेकर पुष्टि नहीं की है. इसमें यह दावा किया गया था भारत में स्टारबक्सको “अत्यधिक महंगा माना जाता है. रिपोर्ट में कहा गया था कि अपनी जबरदस्त प्लान के बावजूद स्टारबक्स को भारत में मुनाफा कमाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है.
घाटा बढ़कर 80 करोड़ के पार
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में यह खबर ऐसे समय में सामने आई थी जब स्टारबक्स इंडिया की ओर से इसकी पुष्टि की गई थी कि नए स्टोर खोलने की योजना में अभी देरी होगी. स्टारबक्स ने साल 2012 में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के साथ पार्टनरशिप के जरिए भारत में एंट्री ली थी.
इस साल मई में जारी टीसीपीएल की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और अमेरिकी कॉफी चेन स्टारबक्स के संयुक्त उद्यम टाटा स्टारबक्स प्राइवेट लिमिटेड का घाटा बढ़कर ₹81 करोड़ हो गया है.
2024 में रियल एस्टेट सेक्टर जमकर हुआ पीई निवेश, 32 प्रतिशत बढ़कर 4.2 अरब डॉलर पर पहुंचा
प्रॉपर्टी में पैसा हमेशा अच्छा निवेश माना जाता है. बड़े-बड़े निवेशकों की भी पहली पसंद रियल एस्टेट होती है. आंकड़े बी कुछ ऐसा ही दिखा रहे हैं.
Real Estate: प्रॉपर्टी में पैसा हमेशा अच्छा निवेश माना जाता है. बड़े-बड़े निवेशकों की भी पहली पसंद रियल एस्टेट होती है. आंकड़े बी कुछ ऐसा ही दिखा रहे हैं. भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी (पीई) निवेश 2024 में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत तक बढ़ा. प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल रियल एस्टेट में पीई निवेश बढ़कर 4.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
हाउसिंग सेक्टर की बढ़ी मांग
इसकी वजह वेयरहाउसिंग सेक्टर में मांग मजबूत होना है. नाइट फ्रैंक इंडिया द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में पीई निवेश हासिल करने में वेयरहाउसिंग सेक्टर सबसे आगे रहा, जिसकी कुल निवेश में 45 प्रतिशत हिस्सेदारी रही. इसके बाद कुल निवेश में रेजिडेंशियल सेक्टर की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत और ऑफिस सेक्टर की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रही.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में रेजिडेंशियल सेक्टर में निजी इक्विटी निवेश दोगुने से अधिक बढ़ा है. इस दौरान पीई निवेश में 104 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो इस वर्ष 1.2 अरब डॉलर हो गया, जो इस क्षेत्र में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि निवेशकों के फोकस और सेक्टर की प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है. पीई निवेश में वेयरहाउसिंग सेक्टर ने ऑफिस सेक्टर को पीछे छोड़ दिया, जिसकी 2017 से पीई निवेश में उच्चतम हिस्सेदारी थी, जो भारतीय रियल एस्टेट बाजार में वेयरहाउसिंग के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है.
मुंबई की कुल पीई निवेश में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत रही है. इसकी वजह वेयरहाउसिंग में निवेश बढ़ना है। 2024 में देश की आर्थिक राजधानी में 2 अरब डॉलर का पीई निवेश आया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2024 में मुंबई में आये कुल पीई निवेश में से 74 प्रतिशत वेयरहाउसिंग सेक्टर में आया है. इसकी वैल्यू 1.5 अरब डॉलर रही है. वहीं, शहर में रेजिडेंशियल सेक्टर में 406 मिलियन डॉलर का पीई निवेश हुआ है. 2024 में बेंगलुरु को कुल 833 मिलियन डॉलर का पीई निवेश प्राप्त हुआ. इनमें से लगभग 52 प्रतिशत या 430 मिलियन डॉलर निवेश ऑफिस सेक्टर में आया है, जबकि शेष 48 प्रतिशत या 403 मिलियन डॉलर का निवेश रेजिडेंशियल सेक्टर में आया है. इनपुट-आईएएनएस