Ullu Digital IPO: कंटेंट को लेकर की गई शिकायत, Apple और Google पर भी कार्यवाही की मांग

Ullu Digital IPO: उल्लू डिजिटल आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी OTT प्लेटफॉर्म उल्लू को अपने कंटेंट की वजह से तगड़ा झटका लगा है। उल्लू अपने प्लेटफाॅर्म पर एडल्ट मूवीस और सीरीज पेश करती है। अब इसी कंटेंट के कारण नेशनल कमिशन फॉर प्रोटक्शन और ऑफ चाइल्ड राइट्स ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की है।

Ullu Digital IPO

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उल्लू ऐप पर कार्रवाई की मांग की है। आईटी मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा- स्कूली बच्चों पर उल्लू एप का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। स्कूली बच्चों को टारगेट करते हुए उल्लू ऐप पर अश्लील कंटेंट वाले शो होने की शिकायतें मिलीं।

उल्लू ऐप ने किया नियमों का उल्लघंन

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपनी चिट्ठी में कहा गूगल प्ले स्टोर और iOS की कोई KYC पॉलिसी या एज वेरिफिकेशन का नियम नहीं पालन कर रहे हैं। उल्लू एप के कंटेंट ने पॉक्सो कानून का उल्लंघन किया है। जिसका आयोग ने संज्ञान लिया है। उल्लू डिजिटल ने BSE SME प्लेटफार्म पर आईपीओ की अर्जी भी दी है।

आयोग को बॉलीवुड के दिग्गजों से मिली ऐप की शिकायत

आयोग को बॉलीवुड के दिग्गजों से एक शिकायत मिली है । जिसमें आरोप लगाया गया है कि” उल्लू ऐप”, जो प्ले स्टोर और आईओएस मोबाइल प्लेटफॉर्म दोनों पर उपलब्ध है, इसमें बच्चों सहित अपने ग्राहकों के लिए गुप्त रूप से बेहद अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री शामिल उपलब्ध है. यह ऐप Google और Apple पर आसानी से उपलब्ध है और इसे अपने निजी समूह को उपलब्ध कराई जाने वाली किसी भी सामग्री को डाउनलोड करने या देखने के लिए कोई KYC आवश्यकता नहीं है। शिकायतकर्ता ने एक शो का स्क्रीनशॉट भी संलग्न किया है।

गूगल प्लेस्टोर के खिलाफ उचित कार्यवाही

यह देखा गया है कि इन एप्लिकेशन में KYC या किसी अन्य आयु सत्यापन प्रणाली का अभाव है, जिससे नाबालिगों के लिए कंटेंट आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इस तरह के कंटेंट को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 की धारा 11 का सीधा उल्लंघन माना जाता है। आयोग ने धारा के तहत शिकायत पर संज्ञान लिया है। सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 (1)(1) स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए वर्तमान मामले की जांच करने और कानून के अनुसार उल्लू ऐप, गूगल प्ले स्टोर और आईओएस के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

10 दिनों के अंदर मिनिस्ट्री से मांगी डीटेल्स

इसके अतिरिक्त, ऐसे ऐप्स को नियंत्रित करने वाले नियमों और नीति प्रमाणन के संबंध में जानकारी प्रदान करने का भी अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, यह भी अनुरोध किया गया है कि बच्चों को ऐसे ऐप्स तक पहुंचने से बचाने के लिए कानून के अनुसार Google Play Store और iOS पर उपलब्ध इस प्रकार के वीडियो स्ट्रीम करने वाले सभी एप्लिकेशन के लिए अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) प्रक्रियाओं को अनिवार्य करने के लिए कड़े उपाय लागू किए जाएं। लिखे गए लेटर में यह भी कहा गया कि इस पत्र के जारी होने के 10 दिनों के भीतर आयोग को अपेक्षित जानकारी के साथ मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट शेयर करें।

Ullu IPO का ड्राफ्ट दाखिल

उल्लू के खिलाफ NCPCR ने यह कदम एक ऐसे समय में उठाया है। जब इसने 150 करोड़ रुपए के आईपीओ के लिए बीएसई और एसएमई के पास ड्राफ्ट फाइल किया है। उल्लू की योजना आईपीओ के 30 करोड़ रुपए से बड़े पर्दे के लिए कंटेंट तैयार‌ करने और फिर इस छोटे पर्दे पर लाने की है।

वित्त वर्ष 2022-23 में 93.1 करोड़ रुपए का रेवन्यू

अभी हाल ही में भारत के ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म Ullu के वित्तीय नतीजे (fiscal Result) सामने आए थे। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022- 23 में 93.1 करोड़ रुपये का रेवेन्यू (profit) हासिल किया है। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 46.8 करोड़ रुपये था। इस तरह कंपनी का रेवेन्यू एक साल में दोगुना होगा गया है। रेवेन्यू बढ़ने पर सबसे पहली चीज जो मन में आती है, वह ये होती है कि कंपनी को मुनाफा (Profit) भी हो रहा है या फिर सिर्फ नुकसान ही बढ़ता जा रहा है?

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रेवेन्यू में हुई चार गुना बढ़ोतरी

फंडिंग विंटर के बीच जहां एक ओर अधिकतर कंपनियां मुश्किल से बिजनेस को बढ़ा रही हैं। वहीं दूसरी ओर Ullu का मुनाफा बढ़कर 4 गुना हो गया है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का मुनाफा सिर्फ 3.90 करोड़ रुपये था, जो 2023 में करीब 3.87 गुना बढ़कर 15.10 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी के नतीजे दिखा रहे हैं कि यह स्टार्टअप कितने बेहतर तरीके से अपना बिजनेस चला रहा है

क्या है Ullu?

Ullu Digital IPO
Ullu Digital IPO

Ullu एक मेंबरशिप वाला प्लेटफॉर्म है, जो वेब सीरीज, फिल्में और दूसरे तरह के कॉन्टेंट स्ट्रीम करता है। कंपनी की कमाई का एकमात्र सोर्स इसका सब्सक्रिप्शन है, जिसे बेचकर यह स्टार्टअप पैसे कमाता है। स्टार्टअप डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म द क्रेडिबल के अनुसार कंपनी के फाउंडर और सीईओ विभु अग्रवाल के पास कंपनी की करीब 65 % की हिस्सेदारी है। वहीं उनकी पत्नी मेघा अग्रवाल के पास बाकी की 35 % की हिस्सेदारी है।

 

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